लखनऊ की विशेष अदालत द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कल्याण सिंह, डा. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत ३२ लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने के निर्णय का मैं स्वागत करता हूँ। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई है।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 30, 2020
सत्य परेशान हो सकता है, किंतु पराजित नहीं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 30, 2020
आज एक बार फिर सत्य की जीत हुई है!
भारतीय न्यायपालिका की जय!
सत्यमेव जयते!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 30, 2020
CBI की विशेष अदालत के निर्णय का स्वागत है।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित हो पूज्य संतों,@BJP4India नेताओं,विहिप पदाधिकारियों,समाजसेवियों को झूठे मुकदमों में फँसाकर बदनाम किया गया।
इस षड्यंत्र के लिए इन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए।
योगी सरकार की आत्मा पर इंसानियत के कत्ल का इल्ज़ाम है।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 30, 2020
दरिन्दगी, हैवानियत, चीत्कार से शमशान भी फुट फुट कर रोया होगा।
बृज क्षेत्र, धर्माध्यक्ष श्रीकृष्ण की नगरी #Hathras में अंतिम संस्कार के धर्म से परिवार को दूर रख अक्षम्य अपराध किया है।#HathrasHorror https://t.co/mQUjVHlBV0